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पद:
1.संप्रति : सेवानिवृत्त
2. 1978 – 2006, संपादक, महात्मा गांधी ('वसंत', 'रिमझिम' और 'निर्माण' पत्रिकाओं का संपादन।)
3. 1978 – 2000, रेडियो कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता, मॉरीशस ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन
4. 1970 – 1978, प्राथमिक सरकारी हिंदी शिक्षक
5. 1980, टीवी कार्यक्रम प्रस्तुतकर्ता, Mauritius College of the Air
6. साहित्यिक संस्थाओं में हिंदी लेखन के लिए प्रशिक्षण देने में वर्षों से सक्रियता। (1970 के आस-पास से अब तक हिंदी लेखन में बराबर सक्रिय रहे हैं।)
7. स्थानीय रेडियो में तीन सौ से अधिक स्वलिखित एकांकी की प्रस्तुति।
8. दूरदर्शन पर धारावाहिकों का प्रसारण।
संस्थान:
महात्मा गांधी संस्थान, मोका, मॉरीशस
शिक्षा:
उपलब्ध नहीं
प्रकाशन:
1. मॉरीशस की पत्रिकाओं में दो सौ से अधिक कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
2. 'धर्मयुग', 'सारिका', 'गगनांचल', 'आजकल' आदि अनेक भारतीय पत्रिकाओं में कहानियाँ और लेख प्रकाशित।
3. 2004 के अंतिम दिनों तक सौ से अधिक व्यंग्य रचनाएँ भारत और मॉरीशस की पत्रिकाओं में प्रकाशित।
4. प्रकाशन : 'छोटी मछली बड़ी मछली', 'चेहरों का आदमी', 'बनते बिगड़ते रिश्ते', 'पूछो इस माटी से', 'पथरीला सोना', 'तीन खंड' (उपन्यास), 'विष-मंथन' (कहानी-संग्रह), 'चेहरे मेरे तुम्हारे', 'यात्रा साथ-साथ', 'एक धरती एक आकाश', 'आते-जाते लोग' (लघु कथा-संग्रह), 'कलजुगी करम-धरम', 'बंदे, आगे भी देख', 'चेहरों के झमेले', 'पापी स्वर्ग' (व्यंग्य-संग्रह), 'इतिहास का दर्द' (फ्रेंच में अनूदित नाटक)।उपन्यास -चेहरों का आदमी, छोटी मछली बड़ी मछली, पूछो इस मोटी से, बनते बिगड़ते रिश्ते, विराट गली के बासिंदे, ढलते सूरज की रोशनी, पथरीला सोना – सात खंड [ 3500 पन्ने और 600 के लगभग पात्र] और अपने रस्ते का मुसाफिर कहानी संग्रह – अंतर्धारा, जन्म की एक भूल, रामदेव धुरंधर संकलित कहानियाँ, अंतर्मन, विष – मंथन, अपने – अपने जन्म और दूर भी, पास भी व्यंग्य संग्रह- कलजुगी करम – धरम, बंदे, आगे भी देख, चेहरों के झमेले, पापी स्वर्ग और कपड़ा जब उतरता है। नाटक संग्रह- प्रवर्तन और जहाँ भी आदमी। लघु कथा संग्रह -चेहरे मेरे तुम्हारे, यात्रा साथ – साथ, एक धरती एक आकाश, आते - जाते लोग, मैं और मेरी लघु कथाएँ संग्रह – 1, मैं और मेरी लघु कथाएँ संग्रह 2, अलग – अलग मुसाफ़िर, कहीं कोई दीवार, जहाँ जिसके पाँव और यह झूठ, वह झूठ (कुल 4000 लघुकथाएँ प्रकाशित) गद्य क्षणिकाओं की दो पुस्तकें- गद्य - क्षणिका : एक प्रयोग [ कुल 550 क्षणिकाएँ ], छोटे – छोटे समंदर [ कुल 518 क्षणिकाएँ ] संस्मरण- कितनी मौजें, कितने साहिल डॉक्टर रामदेव धुरंधर की रचनाधर्मिता पर आधारित कृतियाँ – मॉरीशस लेखक रामदेव धुरंधर की जुबानी, कृति: डा. दीपक कुमार पांडेय, 2 -- मॉरीशस लेखक साक्षात्कार के आईने में, कृति: डा. दीपक पांडेय। 3 -- रामदेव धुरंधर की रचनाधर्मिता कृति : डॉ. दीपक कुमार पांडेय और डॉ. नूतन पांडेय। 4 - रामदेव धुरंधर कृत : पथरीला सोना उपन्यास में भारतीय मजदूरों और उनकी संतानों का यथार्थ चित्रण कृति : अमित कुमार गुप्ता – बिना चिक बड़ईक 5 -- रामदेव धुरंधर : मॉरीशस के समर्थ लेखक कृति : डॉ. अमित कुमार गुप्ता, प्रोफ़ेसर बलराम गुप्ता
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
आपने अनेकानेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों/कार्यशालाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया है (उदाहरण : विश्व हिंदी सम्मेलनों में सहभागिता)।
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
• सातवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन सूरीनाम, 2003 • हिंदी विदेश प्रसार सम्मान – [एक लाख रुपये संलग्न] उ. प्र. हिंदी संस्थान, लखनऊ, 2016 • श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफ़को साहित्य सम्मान [ ग्यारह लाख रुपये संलग्न ] 2017 • विश्व नागरी रत्न सम्मान, देवरिया भारत, 2017 • परिकल्पना श्री कथा सम्मान , 2018 [ ग्यारह सौ रुपये संलग्न ] • वैश्विक हिंदी साहित्य सम्मान, मुम्बई 2018 • आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी युग प्रेरक सम्मान रायबरेली, 2019 • विक्रमशिला विद्यापीठ भागलपुर, भारत, विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि [डॉक्टर] 2017 • राही रैंकिग हरियाणा भारत की ओर से आयोजित हिंदी के " साल के 100 बड़े रचनाकार" , इस लिस्ट में डाक्टर रामदेव धुरंधर का नाम पिछले आठ साल से निरंतर संलग्न चला आ रहा है। • सृजन श्री सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन, 2012 • विश्व हिंदी रत्न, आधारशिला नैनिताल, 2012 • विश्व भाषा हिंदी सम्मान, विश्व हिंदी सचिवालय, 2013 • अंतर्राष्ट्रीय वागेश्वरी सम्मान, मोरीशस दिल्ली [समंवित 2013] • श्री हज़ारीप्रसाद द्विवेदी सम्मान, नैनिताल आधारशिला, 2013 • विश्व भारती सम्मान, आधारशिला प्रकाशन भारत, 2014 • प्रेमचंद सम्मान, हिंदी भवन न्यास, नैनिताल भारत, 2015 • साहित्य शिरोमणि सम्मान, मॉरीशस भारत अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, 2015 • मॉरीशस हिंदी रत्न सम्मान, 2016 • विश्व हिंदी शिरोमणि सम्मान, 2017 • भारतेन्दु हरिश्चंद सम्मान, 2017
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
1. आप (श्री रामदेव धुरंधर) हिंदी जगत् के लिए एक सुपरिचित नाम हैं।
2. लंदन में आयोजित छठे विश्व हिंदी सम्मेलन में भाग लेने के लिए मॉरीशस स्थित भारतीय उच्चायोग से हवाई टिकट प्राप्त।
3. आपने अपनी लेखकीय निष्ठा को बरकरार रखा है।
4. हिंदी में व्यंग्य लिखना विनोद, कटाक्ष और बात को तीखे रूप में कहने की शैली के रूप में विकसित हुआ और यह शैली दिनोदिन व्यापक रूप धारण करती गई। अब यह साहित्य की मुख्य विधा बन गई है। व्यंग्य के गण्यमान्य रचनाकारों में मॉरीशस के प्रख्यात साहित्यकार आप (श्री रामदेव धुरंधर) ने सामाजिक, राजनीतिक, नैतिक, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय विसंगतियों को अपने व्यंग्य का विषय बनाया है। आपने समाज और जनमानस में व्याप्त विडंबनाओं, चतुराइयों, मूर्खताओं आदि का वर्णन बड़े चुटीले अंदाज़ में किया है।
5. डॉ. रामदेव धुरंधर की कृतियों पर शोध करके भारत के तीन विद्यार्थियों ने पी. एच. डी. की डिग्री [ 2023 तक ] प्राप्त कर ली है।
6. मॉरीशस में सत्तर से भी अधिक विद्यार्थियों ने बी. ए. परीक्षा के लिए [ 2023 तक ] रामदेव धुरंधर की रचनाओं पर लघु शोध लिखे हैं।
विशेषज्ञता/ प्रवीणता/ रुचि के क्षेत्र:
शिक्षण, शिक्षण शास्त्र, साहित्य, सृजनात्मक लेखन, मीडिया, संपादन/प्रकाशन, Education, Pedagogy, Creative Writing, Media, Editing, Publication
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
http://www.prabhatbooks.com/author/ramdeo-dhoorundhar.htm
http://www.hindisamay.com/writer
सूचना-स्रोत:
विश्व हिंदी सचिवालय
वेबसाइट/ ब्लॉग:
http://www.freewebs.com/dhoorundhur/
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