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अब तक ऐसा कोई आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय मंच उपलब्ध नहीं था जहाँ विश्व भर में
कार्यरत हिंदी विद्वानों, संस्थाओं, शिक्षकों और विशेषज्ञों के बारे में प्रामाणिक
जानकारी सार्वजनिक रूप से संकलित की जाती हो। ऐसी जानकारी न सिर्फ संबंधित
विद्वानों तथा संस्थाओं के बीच आपसी संपर्क को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से
वांछित है अपितु हिंदी के प्रचार-प्रसार, शैक्षणिक गतिविधियों, शोध व अनुसंधान,
वैश्विक अभियानों के संचालन, शैक्षणिक सहयोग तथा समन्वय इत्यादि के संदर्भ में भी
महत्वपूर्ण हो जाती है।
विव श्भर में हिंदी शिक्षण में संलग्न देसी-विदेशी विद्वानों तथा संस्थाओं के
महत्वपूर्ण कार्य को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने एवं हिंदी-देवनागरी के प्रति उनके
योगदान को मान्यता देने के संदर्भ में भी ऐसे मंच की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की
जाती रही है। इन सबके अतिरिक्त समान रुचि एवं पृष्ठभूमि वाले विद्वज्जनों के एक
वैश्विक संजाल (नेटवर्क) के विकास की आवश्यकता से भी इंकार नहीं किया जा सकता, जहाँ
वे एक-दूसरे की ज्ञान संपदा से लाभान्वित हो सकें। हिंदी के विकास एवं
प्रचार-प्रसार से संबंधित योजनाओं तथा रणनीतियों के निर्माण तथा क्रियान्वयन में भी
ऐसे मंच की उपयोगिता असंदिग्ध है।
विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस द्वारा विकसित यह
'विश्व हिंदी डेटाबेस' इसी परिकल्पना को फलीभूत करने का प्रयास है। हिंदी को
वैश्विक दृष्टि से देखने, उसकी ज्ञान-विविधता का रसास्वादन करने तथा विभिन्न
परिस्थितियों, पृष्ठभूमियों तथा माध्यमों में हिंदी को आगे बढ़ाने में जुटे विश्व
समुदाय के संकल्प को अभिव्यक्त करने वाला यह डेटाबेस एक निरंतर अद्यतन एवं
परिमार्जित होने वाला इंटरनेट आधारित मंच है। विश्व में कहीं भी, हिंदी शिक्षण,
विकास, प्रचार-प्रसार, सर्जनात्मक कार्यों, विशेषज्ञतापूर्ण प्रयोगों, प्रशिक्षण,
शोध आदि में संलग्न विद्वानों एवं संगठनों का इस मंच पर स्वागत है।
विश्व हिंदी डेटाबेस की नींव दक्षिण अफ़्रीका के जोहानीसबर्ग नगर में 22-24 सितंबर, 2012 के
दौरान आयोजित नौवें विश्व हिंदी सम्मेलन में रखी गई थी। सम्मेलन के अपने मुख्य विषय
(‘भाषा की अस्मिता और हिंदी का वैश्विक संदर्भ’) के अनुरूप ही उसके समापन के अवसर
पर पारित मंतव्यों में यह बिंदु भी शामिल किया गया कि हिंदी विद्वानों तथा संस्थाओं
के एक वैश्विक डेटाबेस का निर्माण किया जाना चाहिए और यह दायित्व विश्व हिंदी
सचिवालय, मॉरीशस को सौंपा जाना चाहिए। इसे दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन (भोपाल) में लोकार्पित किए जाने का विचार है।
इससे पूर्व भी विश्व हिंदी सम्मेलनों में इसी
प्रकार की भावना अभिव्यक्त हो चुकी थी। न्यूयॉर्क में आयोजित आठवें विश्व हिंदी
सम्मेलन में पारित प्रस्तावों में एक यह था कि विदेशों में जिन विश्वविद्यालयों तथा
स्कूलों में हिंदी का अध्ययन-अध्यापन होता है उनका एक डेटाबेस बनाया जाए और हिंदी
अध्यापकों की एक सूची भी तैयार की जाए। सूरीनाम में आयोजित सातवें विश्व हिंदी
सम्मेलन में भी, परस्पर भिन्न शब्दों मं किंतु लगभग समान उद्देश्य को ध्यान में
रखते हुए, मंतव्य पारित किया गया था कि हिंदी विद्वानों की विश्व-निर्देशिका का
प्रकाशन किया जाए। विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस ने नौवें विश्व हिंदी सम्मेलन में
प्रदत्त उत्तरदायित्व के अनुरूप विश्व हिंदी डेटाबेस का विकास किया है। इसमें विश्व
भर के हिंदी विद्वानों तथा संस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाई गई है,
जिसे दस भौगोलिक क्षेत्रों में विभक्त करके प्रस्तुत किया गया है। यह सामग्री
निरंतर समृद्ध तथा परिमार्जित की जाती रहेगी। |
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