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पद:
1. संप्रति सेवानिवृत्त (सन् 1997 में अवकाश ग्रहण किया),
2. स्वतंत्र पत्रकार (नियमित रूप से स्थानीय पत्रों में लिखते रहे हैं)
3. सन् 1988 से त्रिभाषी पत्रिका 'इंद्रधनुष' के प्रधान संपादक (हिंदी, अंग्रेज़ी और फ्रेंच में प्रकाशित यह पत्रिका मॉरीशस की पहली पत्रिका है और अब यह अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कर चुकी है)
4. विश्वविद्यालय में ओरियंटल भाषा विभाग के अध्यक्ष और
5. सन् 1974 -1979 मॉरीशस के प्रतिष्ठित रोयल कॉलेज, क्यूरपीप में शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत।
संस्थान:
उपलब्ध नहीं
शिक्षा:
सन् 1973 में दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.ए. की शिक्षा प्राप्त।
प्रकाशन:
आपकी 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित (कुछ पुस्तकों के नाम इस प्रकार हैं) :
1. Ārya Samāj Aur Shuddhi Āndolan, Prahlad Ramsurrun, 2004, Atmaram & Sons, New Delhi
2. Mohanlāl Mohit Parivāra Ke Patra Prahlad Ramsurrun, 2001, Atmaram & Sons, Delhi
3. Ek Mauritiusīya Sāhityā Kāra Kī Āsthā, Prahlad Ramsurrun, 2001, Atmaram & Sons, New Delhi
4. Mauritius: Lok Sāhitya Aur Sanskriti, Prahlad Ramsurrun, 1990, Rajesh Prakashan, New Delhi
5. Mauritius Kī Shakuntalā, Prahlad Ramsurrun, 1989, Sasta Sahitya Mandal
6. Mauritius, Prahlad Ramsurun, 1988, Rajpal & Sons, New Delhi
7. Manjūsha, Prahlad Ramsurrun, 1988, Pramod Prakashan, Ajmer, Bharat
8. Hind Mahāsāgar Mein Ek Navodit Rāshtra, Prahlad Ramsurrun, 1987, Rajpal & Sons, Delhi
9. Mauritius Mein Bhāratīya Sanskriti Kā Harāval Dastā, Prahlad Ramsurrun, 1995, Atmaram & Sons, New Delhi
10. Dr. Sir Seewoosagur Ramgoolam Kī Rājasthān Yātrā, Prahlad Ramsurrun, 1973, Lakhavati Hargovind, Mauritius
1 1. Bhāratīya Vāngamaya Mein Mauritius Kī Sanskriti, Prahlad Ramsurrun, 1994, Atmaram & Sons, New Delhi
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
आपने अनेकानेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों/कार्यशालाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया है और अपने शोध-पत्र भी प्रस्तुत किए।
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
आपको अनेकानेक प्रतिष्ठित सम्मान/पुरस्कार प्राप्त हैं (कुछ उदहारण इस प्रकार हैं) :
1. 1999 में बोबासें-रोज़हील नगर पालिका (जहाँ के आप निवासी हैं) ने आपको 'मादन नागरिकता' से संमानित किया,
2. 1993 में चतुर्थ विश्व हिंदी सम्मेलन के अवसर पर आपको अपनी हिंदी सेवाओं एवं साहित्यिक कार्यों के लिए पुरस्कृत किया गया,
3. 1976 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'विविधा पुरस्कार' और
4. 1976 में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'विविधा साहित्यिक पुरस्कार' प्राप्त।
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
1. आप हिंद महासागर के मध्य स्थित लघु द्वीप, मॉरीशस के जाने माने हिंदी प्रेमी साहित्यकार हैं।
2. आपकी रूचि : शिक्षा, दर्शन, संस्कृति, इतिहास, लोक गाथा तथा साहित्य।
3. आपके अनेक अनुसंधानात्मक लेख भारत और मॉरीशस की लब्ध प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
4. अब तक आपकी 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो गईं हैं।
5. आप हिंदी, अंग्रेज़ी और फ्रेंच में लिखते हैं।
6. आपकी अनेक पुस्तकों के अनुवाद जर्मन, फ्रेंच, जापानी और मराठी आदि भाषाओं में।
7. आपने पिछली आधी शती से मॉरीशस में हिंदी एवं भारतीय संस्कृति की मशाल को अपने अध्यापन-कौशल और गरिमामय-लेखन से जलाए रखा है।
विशेषज्ञता/ प्रवीणता/ रुचि के क्षेत्र:
मॉरीशस, अफ़्रीका, पत्रकारिता, संपादन/प्रकाशन, शिक्षण/शिक्षण शास्त्र, साहित्य/सृजनात्मक लेखन, प्रचार Mauritius, Africa, Journalism, Editing/Publication, Education/Pedagogy, Creative Writing, Propagation Activities
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
http://president.govmu.org/English/Documents/sp041210.pdf
http://www.hindibhawan.com/
http://www.internationalnewsandviews.com/
http://www.pravasiduniya.com/history-of-mauritiau
सूचना-स्रोत:
विश्व हिंदी सचिवालय
वेबसाइट/ ब्लॉग:
उपलब्ध नहीं
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