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मोहन सपरा
Mohan Sapra
पता:
1759, सुंदरनगर कालोनी, नकोदर (पजाब); स्थाई पता—सब्जी मंडी, बत्रा स्ट्रीट, सिरसा (हरियाणा) Email: profmohansapra@gmail.com Phone: उपलब्ध नहीं |
मोहन सपरा
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मोहन सपरा
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पद:
सेवानिवृत्त पूर्वाध्यक्ष
संस्थान:
डी॰ए॰वी कालेज, नकोदर।
शिक्षा:
एम०ए० (हिंदी)
प्रकाशन:
कीड़े (कविता-संग्रह) 1968, वक्त की साजिश के ख़िलाफ़, बहुत कुछ अतिरिक्त (लबी कविता), 1975, आदमी ज़िंदा है (कविता-संग्रह), 1988, कितना ऑधेरा है (पाँच लंबी कविताएँ) 1989, बरगद को कटते हुए देखना (कविता-संग्रह), 1997, पंजाब की आधुनिक हिंदी कविता 2002, रक्तबीज आदमी है 1988; अनुवाद-गुरु गोविंदसिंह, शहीद सरदार भगत सिंह, संपादन-फिर, रिजू, जितने रास्ते में, फिर ज्योति, लायन मिरर, संदीपिका, ब्यास, घरघर, भारतयुग, जनश्री; अश्क के उपन्यासों में मध्यवर्गीय चेतना (आलोचना)
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
लेखनी (नई दिल्ली), साक्षी (चंडीगढ़) पंजाब फोक्लोर (सिंधवां), रसलोक(((557
(सिरसा) लोकधारा (नकोदर) तथा आईना (नई दिल्ली) द्वारा 'आदमी जिदा है' तथा 'बरगद को कटते हुए देखना' पर विचार गोष्ठियों का आयोजन।
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
शिरोमणि साहित्यकार सम्मान, हितैषी अलावलपुरी पुरस्कार, मानव भारती शिक्षा-समिति (पंजी०) हिसार द्वारा साहित्य के क्षेत्र में लिए सम्मानित;
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
दूरदर्शन एवं आकाशवाणी द्वारा कार्यक्रमों का नियमित प्रसारण। स्वतंत्र लेखन एवं 'फिर' (हिंदी) एवं रिजु (पजाबी) का संपादन करने के पश्चात पाक्षिक 'जनश्री' ( जालंधर) के मुख्य संपादक।
विशेषज्ञता/ प्रवीणता/ रुचि के क्षेत्र:
संपादन, कविता, अनुवाद, आलोचना, लोक कथाएँ
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
• https://en-gb.facebook.com/public/Mohan-Sapra
• kavitakosh.org/kk/मोहन_सपरा
• www.livehindi.co.in/2016/09/poem-of-poet-mohan-sapara.html
• www.jagran.com/punjab/jalandhar-city-11696737.html
• vskbharat.com/जो-साहित्य-नैतिकता-नहीं-स
सूचना-स्रोत:
1. कविता कोश
2. विकीपीडिया हिंदी
3. साहित्य शिल्पी
4. सांगोपांग
5. हिंदी समय
6. हिंदी लेखक ब्लॉग
7. केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा
8. साहित्य अमृत
9. बृहत् साहित्यकार संदर्भ कोश
10. भारत कोश
(साभार)
वेबसाइट/ ब्लॉग:
profmohansapra.blogspot.com
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