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श्री उपुल रंजीत हेवावितानगमगे
Mr. Upul Ranjeet Hevavitangamage
पता:
- Email: • आपने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा ‘दलुगम- पहलेवेल कनिष्ठ विद्यालय’ से ली थी । उसके बाद आपने ‘केलनीय गुरुकुल महाविद्यालय’ तथा ‘केलनीय धर्मालोका विद्यालय’ से शिक्षा ग्रहण की है ।
• आप संगीत विशारद भी हैं ।
• बी.ए. हिंदी, केलनीय विश्वविद्यालय – 1985
• ‘भातखंडे संगीत विद्यापीठ, लखनऊ भारत से ‘विद्या विशारद’ – 1990
• 1990 में आपने श्री लंका के ‘श्री जयवर्धनपुर विश्वविद्यालय’ से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की ।
• 1998 में आप श्री लंका के केलनीय विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर विशारद बन गए ।
• 2004 में दिल्ली के ‘ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय’ से आपने विद्या वाचस्पति तथा बंगाली में प्रमाण पत्र प्राप्त किये ।
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श्री उपुल रंजीत हेवावितानगमगे
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श्री उपुल रंजीत हेवावितानगमगे
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पद:
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संस्थान:
सन् 1996 से ही आपने पुस्तकें लिखनी शुरु की। श्री लंका में हिंदी भाषा के प्रचार के लिए आपने हिंदी पुस्तकों का सिंहली भाषा में अनुवाद किया तथा हिंदी भाषा के बारे में सिंहली पुस्तकें भी लिखीं ।
आज तक आपने उन्नीस पुस्तकें लिखीं, कई पुस्तकों और कार्यक्रमों का संपादन भी आपने किया है ।
आपके द्वारा लिखी गई पुस्तकें कुछ इस प्रकार हैं :
‘ईद उलेल’ (हिंदी लघु कथाएँ – 1996,2006)
‘हिंदी साहित्य इतिहास : संक्षिप्त परिचय’ (1998,2009)
‘सिरकारिया’ ( हिंदी लघु कथाएँ –1999)
‘नागलंतये जनकथा’ (1999)
‘नुतन सिंहली भाषण व्यवहारये पुरुषवाची सर्वनाम’ (2005)
‘गँवातुर’ (हिंदी - बंगाली लघु कथाएँ – 2006)
‘माच’ (हिंदी लोक नाटक – 2007)
‘ख्याल’ (हिंदी लोक नाटक – 2007)
‘बसंती हवा’ (हिंदी लोक नाटक – 2007)
‘हिंदी साहित्य संवेद’ (हिंदी कविता गद्य संग्रह – 2008)
‘डोगरी’ (लोक कथाएँ – 2013)
‘भील आदिवासी लोक कथाएँ’ (2013)
‘हिंदी लोक कथाएँ’ (2013)
‘पूर्व भारत की लोक कथाएँ’ (2013)
‘मोल्डाविन लोक कथाएँ’ (2013)
‘इस्लोके महत्तया’ (महाश्वेता देवी की बंगला/हिंदी उपन्यास – 2015)
‘गोडसे@ गांधी.कॉम’ (प्रोफेसर असगर वजाहत का हिंदी नाटक – 2015)
‘हतर्मान हंदिए हिटगत मीनिसा’ (हिंदी/बंगला लघु कथाएँ – 2015)
• इनके अलावा विभिन्न पत्रिकाओं में भी आपके अनगिनत लेख प्रकाशित किये गए तथा आपने कई साहित्यिक संस्करणों को सम्पादित भी किया ।
• आपने कमलेश्वर की रचित ‘समुद्र में खोया हुआ आदमी’ नामक हिंदी उपन्यास को ‘स्मुदुरेही अंतरमन वू मिनिसाके नाम से सिंहली में अनुवाद किया ।
शिक्षा:
आप एक हिंदी अध्यापक हैं ।
1995- 2000 , केलनीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक ।
2000 -2006 , केलनीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की दूसरी श्रेणी के ज्येष्ठ प्राध्यापक ।
2005-2007, केलनीय विश्वविद्यालय के सामाजिक विज्ञान संकाय में अतिथि प्राध्यापक ।
आप कोलोम्बो विश्वविद्यालय में भी हिंदी भाषा के बुनयादी पाठ्यक्रम के अतिथि प्राध्यापक थे ।
आप केलनीय विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में भी अतिथि प्राध्यापक रहे हैं ।
अतिथि प्राध्यापक – भाषा एवं सांस्कृतिक अध्ययन (श्री जयवर्धनपुर विश्वविद्यालय)
एस.एल.बी.सी. में हिंदी घोषक, समाचार पाठक और कार्यक्रम के निर्माता ।
केलनीय विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष ।
वरिष्ठ कोषाध्यक्ष – हिंदी परिषद, हिंदी अध्ययन विभाग ।
दृश्य प्रबंधन परियोजनाओं के सदस्य ।
सेंसर बोर्ड का सदस्य ।
निदेशक मंडल के सदस्य ।
वेब विकास समिति के सदस्य ।
मानविकी संकाय पत्रिका के संपादक-मंडल के सदस्य ।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सभासद – (अलुम्नी संगीत, केलनीय विश्वविद्यालय)
शिक्षा वॉर्डन- हेमचन्द्र राई छात्रावास ।
प्रतिनिधि- प्रदर्शनी समिति ।
प्रकाशन:
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उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
आपको अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया :
सन् 2000 में ‘सिरकारीय’ नामक पुस्तक के लिए आपको ‘सबसे अच्छा अनुवाद’ के लिए राज्य साहित्य पुरस्कार प्राप्त हुआ ।
2012 में कमलेश्वर की रचित ‘समुद्र में खोया हुआ आदमी’ नामक हिंदी उपन्यास के अनुवाद के लिए आपको ‘सबसे अच्छा उपन्यास के अनुवदक’ का ‘गोडगे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला ।
2012- विश्व हिंदी पुरस्कार- नौवें विश्व हिंदी सम्मेलन- भारत सरकार
कुलप्ति पुरस्कार- केलनीय विश्वविद्यालय – सन् 2010, 2013
अंतराष्ट्रीय हिंदी विद्वानों के लिए विशेष पुरस्कार , लखनऊ विश्वविद्यालय – 2013
सरस्वती पुरस्कार विजेता, लखनऊ विश्वविद्यालय – 2013
साहित्य श्री अंरतराष्ट्रीय पुरस्कार, अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगति – 2014
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
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उल्लेखनीय सूचनाएँ:
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विशेषज्ञता/ प्रवीणता/ रुचि के क्षेत्र:
उपलब्ध नहीं
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस
सूचना-स्रोत:
श्री लंका, भारत, शिक्षण/शिक्षण शास्त्र, संगीत, सहित्य/सृजनात्मक लेखन, अनुवाद, मीडिया, प्रशासन, सूचना प्रौद्योगिकी Sri Lanka, India, Education/Pedagogy, Music, Literature/Creative writing, Translation, Media, Administration, ICT
वेबसाइट/ ब्लॉग:
सन् 2013 में भारत के ‘शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर’ की अंतराष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी में आपने ‘हिंदी पढ़ाई एवं श्री लंका में शिक्षा एवं आधुनिक तकनीक’ के बारे में अनुसंधान पत्र प्रस्तुत किया था ।
2013 – भारत के लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी में आपने हिंदी शिक्षा के बारे में एक अनुसंधान पत्र प्रस्तुत किया था ।
2012- 9वें विश्व हिंदी सम्मेलन ।
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