|
पद:
उपलब्ध नहीं
संस्थान:
उपलब्ध नहीं
शिक्षा:
उपलब्ध नहीं
प्रकाशन:
कविता संग्रह :
1. (2013) तुम हो मुझें
2. (2010) शैल प्रतिमाओं से
3. (2009) देववृक्ष
4. (2009) अंतर्ध्वनि
5. (2008) ह्रदय की हथेली, राधाकृष्ण प्रकाशन
6. (2007) रस गगन गुफा में अझर झरै
7. (2005) ईश्वराशीष, राधाकृष्ण प्रकाशन
8. (2002) अक्षत, राधाकृष्ण प्रकाशन
9. (1997) शब्द बनकर रहती हैं ऋतुएँ, कथारूप
आलोचना :
10. (2006) आधुनिक हिंदी काव्यालोचना के सौ वर्ष
कहानी :
1 1. (2011) जन्म, मेधा बुक्स, दिल्ली
1 2. (2002) गोखरू, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली
साक्षात्कार :
1 3. (2006) सांस्कृतिक आलोक से संवाद, भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली
विनिबंध :
1 4. (2009) सूरीनाम, नेशनल बुक ट्रस्ट, दिल्ली
1 5. (2003) सूरीनाम, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली
संपादन :
1 6. (2004) दोस्ती की चाह, जीत नराइन की कविताएँ, राजकमल प्रकाशन
1 7. (2003) कविता सूरीनाम, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
1 8. (2003) कथा सूरीनाम, राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
सूरीनाम दूतावास से संबद्ध रहते हुए आपके संयोजन में ही 2003 में सूरीनाम में सातवाँ विश्व सम्मेलन संपन्न हुआ।
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
1. शमशेर सम्मान, 2007, अनवरत संस्था, खंडवा मध्यप्रदेश भारत से सम्मानित।
2. राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार, 2007 रूपाम्बरा, भारत द्वारा अलंकृत।
3. राष्ट्रीय हिंदी सेवा पुरस्कार, 2005 (आर्य प्रांतिक सभा, सूरीनाम)।
4. सूरीनाम हिंदी सेवा सम्मान, 2005 (सूरीनाम हिंदी परिषद)।
5. कैरेबियाई राष्ट्रिय हिंदी सेवा पुरस्कार, 2004, हिंदी प्रचार संस्था, गुयाना से पुरस्कृत।
6. लक्ष्मीमल्ल सिंघवी अंतरराष्ट्रीय कविता पुरस्कार, 2004 यू.के. हिंदी समिति, लंडन द्वारा पुरस्कृत।
7. अंतरराष्ट्रीय अज्ञेय साहित्य सम्मान, 2002, रूपांबरा, भारत से सम्मानित।
8. किरण वूमेन अचीवमेंट अवार्ड।
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
1. आपको किसी एक सीमा में रख पाना कठिन है – आप अध्यापिका हैं, कवयित्री हैं, संपादक हैं, अनुवादक हैं, कहानीकार हैं, संगठनकर्ता हैं, हिंदी की विश्वदूत हैं।
2. आपने विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में मानवीय संस्कृति तथा भारतवंशी संस्कृति पर विशेष व्याख्यान दिया है। मॉरीशस स्थित हिंदी लेखक संघ का आपको मानद सदस्य बनाया गया है।
3. सूरीनाम में वर्ष 2003 की जनवरी से प्रकाशित पत्रिका 'शब्द शक्ति' की आप संस्थापक संपादक रहीं।
4. सूरीनाम की संस्कृति और प्रकृति पर आपके द्धारा बनाई गई दो घंटे की डॉक्यूमेंटरी फिल्म वर्ष 2003 में आयोजित हुए विश्व हिंदी सम्मलेन में प्रदर्शित की गई थी।
5. इसके आलावा, महान हिंदी साहित्यकार व उपन्यासकार श्रीलाल शुक्ल, प्रोफ़ेसर विद्यानिवास मिश्र और प्रोफ़ेसर शिवप्रसाद सिंह के कृतित्व- व्यक्तित्व पर आपके द्वारा बनाई गईं डॉक्यूमेंटरी फिल्मों का लखनऊ दूरदर्शन से प्रदर्शन हुआ है।
6. आप विश्व की अनेक आदिवासी प्रजातियों तथा भारतवंशियों के अस्तित्व और अस्मिता पर विशेष अध्ययन और शोधकार्य से भी संबद्ध रहीं हैं।
विशेषज्ञता/ प्रवीणता/ रुचि के क्षेत्र:
नीदरलैंड, यूरोप, साहित्य/सृजनात्मक लेखन, संपादन/प्रकाशन, प्रचार, मीडिया The Netherlands, Europe, Creative Writing, Editing/Publication, Propagation Activities, Media
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
http://poetpushpita.blogspot.com/ http://www.fcci.nl/trustees/196-prof-pushpita-awathi http://www.pushpitaawasthi.com/index.php/cv http://nl.linkedin.com/pub/prof-dr-pushpita- awasthi/78/3a8/168
सूचना-स्रोत:
इ-मेल: अवस्थी प्रो. डॉ. पुष्पिता
वेबसाइट/ ब्लॉग:
http://pushpitaawasthi.blogspot.in
|
|