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पृष्ठभूमि:
भक्ति परंपरा, हिंदू संस्कृति तथा हिंदी भाषा की रक्षा में रामायण की भूमिका अद्वितीय रही है। सन् 2002 में भारत से रामकथा के मर्मज्ञ व्याख्यात परम पूज्य मुरारि जी महायज्ञ के आगमन से भक्तों में हुई स्फूर्ति का संचार हुआ और और राम भक्ति पद्धति को एक नया आयाम मिला। दो दशकों से रामकथा को परिपुष्ट करने में लगे हुए पंडित राजेंद्र अरुण तथा हिंदू संगठनों के प्रयत्नों से प्रधान मंत्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ ने 15 अगस्त 2000 को भारत के स्वतंत्रता दिवस एवं तुलसी जयंती के पावन अवसर पर रोज़-बेल में जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के सामने रामायण सेंटर की शिलान्यास विधि की।
उद्देश्य:
1. राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रामायण का प्रचार करना।
2. रामायण पाठ एवं गान द्वारा आध्यात्मिकता, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रचार करना।
3. उपदेश, वार्ता एवं व्याख्यान का आयोजन करना जिससे हिंदी भाषा का प्रचार हो सके।
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
1. रामायण गान प्रतियोगिता का आयोजन।
2. एम.बी.सी. रेडियो पर प्रोग्राम, जो रामायण के आदर्शों पर आधारित है।
3. राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिवर्ष गोस्वामी तुलसीदास जयंती, राम नवमी और अखंड रामायण पाठ का आयोजन।
प्रमुख पदाधिकारी:
अरुण पं. राजेन्द्र, अध्यक्ष (Arun Pt. Rajendra)
प्रकाशनः
विवरण उपलब्ध नहीं
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
विवरण उपलब्ध नहीं
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
विवरण उपलब्ध नहीं
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
http://mauritiustimes.com/index.php?option=com_content&view=article&id=3308%3Arng-ramayana-centre&Itemid=54
http://ramayanacenter.org/Photo%20Gallery.html
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/33769759.cms
http://hindimedia.in/2/index.php/patrika/bharat-gaurav/2993-be-a-ram-temple-in-mauritius-on-turtle.html
सूचना-स्रोत:
पुस्तक : 'भारत से बाहर विदेशों में हिंदी तथा मॉरीशस हिंदी साहित्य की पृष्ठभूमि में हिंदी लेखक संघ की भूमिका (1834 से 2002 तक), लेखक : इन्द्रदेव भोला इन्द्रनाथ, संस्करण : 2003, पृष्ठ : 183
वेबसाइट/ ब्लॉग:
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