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पृष्ठभूमि:
आर्य रविवेद प्रचारिणी सभा की स्थापना सन् 1930 ई. में सामाजिक, सैद्धांतिक तथा शैक्षाणिक उन्नति के लिए हुई थी।
उद्देश्य:
हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार करना।
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
1. सभा 'विद्या दिवस' मनाती है।
2. प्रतियोगिताएँ आयोजित कर छात्र-छात्राओं को हिंदी पढ़ने का प्रोत्साहन देती है।
3. स्थानीय रेडियो पर 'जागृति' शीर्षक से हिंदी में साप्ताहिक कार्यक्रम होता है जो धर्मप्रेमियों द्वारा बहुत पसंद किए जाते हैं।
प्रमुख पदाधिकारी:
Choony Rishi Kumar, MSK
प्रधान आर्य रविवेद प्रचारिणी सभा
प्रकाशनः
विवरण उपलब्ध नहीं
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
विवरण उपलब्ध नहीं
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
1. हिंदी प्रसार के लिए सभा द्वारा सराहनीय कार्य हुआ है। सभा से संबद्ध देशभर की सायंकालीन आर्य पाठशालाओं में हिंदी की पढ़ाई होती है।निरीक्षण तथा परीक्षण कार्य के लिए अनेक निरीक्षक तथा परीक्षक नियुक्त हैं।
2. सन् 1973 में आर्य रविवेद प्रचारिणी सभा ने भारत की राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा की माध्यमिक परीक्षाएँ मॉरीशस में करवाना शुरू किया था।
3. सभा द्वारा हिंदी में वेद प्रचार खूब होता है। सभा द्वारा पुरोहित प्रशिक्षण कोर्स भी चलाया जाता है।
4. यह बात ध्यातव्य है कि इस सभा में हिंदी विद्वानों, सुयोग पुरोहितों एवं धर्म प्रचारकों की कमी नहीं है।
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
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सूचना-स्रोत:
http://www.aryaravived.mu
पुस्तक : 'भारत से बाहर विदेशों में हिंदी तथा मॉरीशस हिंदी साहित्य की पृष्ठभूमि में हिंदी लेखक संघ की भूमिका (1834 से 2002 तक), लेखक : इन्द्रदेव भोला इन्द्रनाथ, संस्करण : 2003
वेबसाइट/ ब्लॉग:
http://www.aryaravived.mu
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