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बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्
Bihar Rashtrabhasha Parishad
पता:
बिहार राष्ट्रभाषा परिषद परिसर,
शिक्षा भवन,
सैदपुर, पटना- 800004 Email: उपलब्ध नहीं Phone: उपलब्ध नहीं
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बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् से संपर्क कीजिए:
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पृष्ठभूमि:
भारतीय स्वाधीनता की सिद्धि के बाद की राज्य सरकार ने बिहार विधान सभा द्वारा सन् 1948 ई. में स्वीकृत एक संकल्प के परिणामस्वरूप बिहार राष्ट्रभाषा परिषद् की स्थापना की थी।
राष्ट्रभाषा हिंदी की सर्वांगीण समृद्धि की सिद्धि के पवित्र उद्देश्य से सन् 1950 ई. के जुलाई मास के मध्य में इसने कार्य शुरू किया।
इसका उद्घाटन समारोह, 11 मार्च सन् 1951 ई. के दिन बिहार के तत्कालीन राज्यपाल, महामहिम माधव श्रीहरि अणे की गौरवपूर्ण अध्यक्षता में, संपन्न हुआ।
हिंदी की आवश्यकताओं की पूर्ति की दिशा में बिहार राज्य सरकार के संकल्प का यह संस्थान मूर्तरूप है।
उद्देश्य:
(1) हिंदी के अभावों की पूर्ति करनेवाले ग्रंथों का प्रकाशन,
(2) प्राचीन पांडुलिपियों का शोध और अनुशीलन,
(3) लोकसाहित्य का संग्रह और प्रकाशन,
(4) लोकभाषा विशेषज्ञों की भाषणमाला का आयोजन,
(5) पुरस्कार प्रदान कर साहित्यिकों को सम्मानित और प्रोत्साहित करना,
(6) हिंदी निबंध प्रतियोगिता में सफल छात्र छात्राओं को पुरस्कृत करना,
(7) महत्वपूर्ण प्रकाशन के लिए साहित्यिक संस्थाओं को अनुदान
(8) साहित्यिक शोध के लिए अनुसंधान पुस्तकालय संचालित करना,
(9) देश विदेश की प्रमुख भाषाओं के प्रामाणिक ग्रंथों के हिंदी अनुवाद द्वारा राष्ट्रभाषा साहित्य को संमृद्ध करना और
(10) विभिन्न विषयों के विशिष्ट विद्वानों को व्याख्यान के लिए आमंत्रित करना तथा उनके भाषणों को संपादित ग्रंथाकार कराकर प्रकाशित करना।
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
परिषद् के प्रकाशन विभाग के तत्वावधान में अमूल्य और महत्वपूर्ण साहित्यिक शोध कृतियों का प्रकाशन होता है।
अब तक कई सौ महत्वपूर्ण प्रकाशन हो चुके हैं, जिन्हें अनेकानेक मूर्धन्य विद्वानों ने मुक्त कंठ से सराहा है।
परिषद् के कृतिकारों में म. म. गोपीनाथ कविराज, डॉ॰ हजारी प्रसाद द्विवेदी, डॉ॰ वासुदेवशरण अग्रवाल, महापंडित राहुल सांकृत्यायन, डॉ॰ विनयमोहन शर्मा, पं॰ गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी, आचार्य नरेंद्रदेव आदि के नाम सादर उल्लेख्य हैं।
इन कृतियों में साहित्य अकादमी पुरस्कार से रचनाएँ पुरस्कृत हुई हैं।विद्यापति विभाग द्वारा विद्यापति के संबंध में अनुसंधान चल रहा है।
विद्यापति की प्रामाणिक पदावलियों का संचयन, संपादन तथा आलोचना इस विभाग की विशेषता है।
इस समय परिषद् के अनुसंधान पुस्तकालय में कुल 13,919 ग्रंथों तथा 2,614 महत्वपूर्ण दुर्लभ पत्र पत्रिकाओं की फाइलें संकलित हुई हैं।
पुस्तकालय में विश्वविद्यालय के अनुसंधित्सु प्राध्यापक तथा छात्र लाभान्वित होते हैं।
परिषद् की गौरववृद्धि की चर्चा में इसके आद्यसंचालक पद्मभूषण आचार्य शिवपूजन सहाय का नाम चिरस्मरणीय है।
परिषद् बिहार सरकार के अधीन पूर्णत: सरकारी प्रतिष्ठान है, जिसमें शोथ और प्रकाशन की मुख्यता है।
इसके संचालन के लिए संचालकमंडल तथा समिति सरकार द्वारा गठित है।
प्रमुख पदाधिकारी:
विवरण उपलब्ध नहीं
प्रकाशनः
परिषद् पत्रिका" त्रैमासिक
"दरिया ग्रंथावली,
"संतमत का सरभंग संप्रदाय",
"हरिचरित"
"कृषिकोश"
"लोकगाथा परिचय"
"कहावत कोश"
"अंगिका संस्कारगीत"
"भोजपुरी संस्कारगीत"
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
विवरण उपलब्ध नहीं
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
विवरण उपलब्ध नहीं
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
• https://hi.wikipedia.org/wiki/बिहार_राष्ट्रभाषा_परिषद्
• https://www.google.co.in/url?sa=t&rct=j&q=&esrc=s&source=web&cd=2&cad=rja&uact=8&ved=0ahUKEwis_evMkrXUAhUbTI8KHRwSDMoQFggtMAE&url= http%3A%2F%2Fbharatdiscovery.org%2Findia%2F%25E0%25A4%25AC%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B9%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B0_%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B7%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%259F%25E0%25A5%258D%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25AD%25E0%25A4%25BE%25E0%25A4%25B7%25E0%25A4%25BE_%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%25B0%25E0%25A4%25BF%25E0%25A4%25B7%25E0%25A4%25A6%2C_%25E0%25A4%25AA%25E0%25A4%259F%25E0%25A4%25A8%25E0%25A4%25BE&usg=AFQjCNHgT0xi8IEuxyEUBf678qK0u6q7NA
सूचना-स्रोत:
निजी संपर्क, ईमेल, इंटरनेट
वेबसाइट/ ब्लॉग:
विवरण उपलब्ध नहीं
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