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कर्नाटक महिला हिंदी सेवा समिति
Karnataka Mahila Hindi Sewa Samiti
पता:
कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति, १७८, ४ मैन रोड, चामराजपेट, बेंगलूर-१८ (कर्नाटक) Email: उपलब्ध नहीं Phone: 080 - 2617777
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कर्नाटक महिला हिंदी सेवा समिति से संपर्क कीजिए:
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पृष्ठभूमि:
'कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति राष्ट्रभाषा प्रचार-प्रसार' की स्थापना 1952 में हुई। इसके निर्माण में श्री शिवानंद स्वामी जी तथा माता आऊबाई जी का योगदान है।
उद्देश्य:
हिन्दी प्रचार के साथ भारत की एकता बनाये रखना समिति का प्रधान लक्ष्य है।
प्रांतीय भाषा के सहयोग से हिन्दी का विकास करना उसका प्रमुख कार्यक्रम है।
जनता में हिन्दी प्रचार करना और उसके लिए उचित सामग्री जुटाना समिति के निरन्तर चिन्तन का विषय है।
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
समिति प्रचार, परीक्षा, प्रकाशन साहित्य-निर्माण, पुस्तक बिक्री, शिक्षा विद्यालय, पुस्तकालय, अर्थ व लेख परीक्षा, राज्यस्तरीय हिन्दी लेखक एवं भाषण प्रतियोगिताएँ, नाटक व कला प्रदर्शन, पुनश्चर्या-पाठ्यक्रम आदि कार्य करती है।
इसके अतिरिक्त दैनिक समाचारों से छात्रों को अवगत कराने व साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में हिन्दी की प्रगति की जानकारी देने के उद्देश्य से कई केंद्रों में समिति ने दस वाचनालय भी चलाए हैं।
इसके अतिरिक्त पुस्तकालयों का भी संचालन किया जा रहा है।
समिति ने 60 से अधिक पुस्तकों का भी प्रकाशन किया है।
समिति प्रथमा, मध्यमा, उत्तमा, हिन्दी भाषा भूषण, हिन्दी भाषा प्रवीण का संचालन करती है। इन्हें कर्नाटक राज्य से विभिन्न पदों के लिए मान्यता मिली है।
असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों ने भी परीक्षाओं को मान्यता दी है।
प्रमुख पदाधिकारी:
डॉ. श्रीमती एस. राधा कृष्णमूर्ति, अध्यक्ष
श्रीमती के. एस. इंदिरादेवी, उपाध्यक्ष
सुश्री बी. एस. शांताबाई, प्रधान सचिव
प्रकाशनः
हिन्दी प्रचारवाणी (मासिक)
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
विवरण उपलब्ध नहीं
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
संस्था द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रमानुसार पुस्तकें तैयार करने के लिए साहित्य विभाग कार्यरत है।
भारत सरकार से विभिन्न परीक्षाओं के लिए॰स्वीकृत पाठ्यक्रमानुसार पुस्तकें तैयार करने के लिए विद्वानों को आमन्त्रित किया जाता है, उनसे परीक्षा स्तर को ध्यान में रखकर पुस्तकों को तैयार किया जाता है।
अब तक लगभग ११२ पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।
पाठ्यपुस्तकों के अलावा विविध विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों को ध्यान में रखकर पुस्तकों का निर्माण किया जाता है।
परस्पर आदान-प्रदान हेतु कन्नड़ के वरिष्ठ विद्वानों की कृतियों को अनुवाद कराने एवं प्रकाशित कराने का कार्य भी चलता रहता है।
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
• http://bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%95_%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE_%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%BE_%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BF,_%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A5%82%E0%A4%B0
• https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%9F%E0%A4%95_%E0%A4%AE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE_%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%BE_%E0%A4%B8%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BF,_%E0%A4%AC%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A4%B2%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%81
सूचना-स्रोत:
निजी संपर्क, ईमेल, इंटरनेट
हिंदी की स्वैच्छिक संस्थाएँ, शंकरराव लोंढे
वेबसाइट/ ब्लॉग:
विवरण उपलब्ध नहीं
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