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श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति
Shri Madhya Bharat Hindi Sahitya Samiti
पता:
श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति
11, रवींद्रनाथ टैगोर मार्ग,
इंदौर- (म.प्र) Email: samiti.indore@gmail.com Phone: 0731-2516657,4279624,
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श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति से संपर्क कीजिए:
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पृष्ठभूमि:
श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति इन्दौर, हिन्दी के प्रचार, प्रसार और विकास के लिये कार्यरत देश की प्राचीनतम सन्स्थाओ में से एक है।
समिति की स्थापना सन् १९१० में महात्मा गांधी की प्रेरणा से हुई थी।
सन १९१८ में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने समिति के इन्दौर स्थित परिसर से ही सबसे पहले हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने का आव्हान किया था।
यहाँ हुए हिन्दी साहित्य सम्मेलन के दौरान ही पूज्य बापु ने अहिन्दी भाषी प्रदेशो में हिन्दी के प्रचार के लिये अपने पुत्र देवदत्त गांधी सहित पान्च लोगो को हिन्दी दूत बनाकर तत्कालीन मद्रास प्रान्त में भेजा था।
इसी अधिवेशन में तत्कालीन मद्रास प्रान्त में "हिन्दी प्रचार सभा" की स्थापना का संकल्प लेकर इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु धन संग्रह किया गया था।
वर्धा स्थित राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की स्थापना में भी हिन्दी साहित्य समिति की ऐतिहासिक भूमिका निभाई है।
इस तरह देश के अहिन्दी भाषी राज्यो में हिन्दी के प्रचार के पहले प्रयास में श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति की भूमिका अत्यन्त उल्लेखनीय और प्रभावशाली रही है।
सन १९३५ में समिति में पुनः हिन्दी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता भी गांधीजी ने की।
उद्देश्य:
हिंदी का प्रचार, प्रसार और विकास।
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
देशी रियासतों में हिन्दी के प्रयोग के लिए अभियान, सन् १९१५ में।
गांधीजी की अध्यक्षता में हिन्दी साहित्य सम्मलेन का ८वा अधिवेशन, सन १९१८ में
हिन्दी साहित्य सम्मेलन का २४ वाँ अधिवेशन, सन् १९३५ में
हिन्दी विद्यापीठ की स्थापना, सन् १९४० में
हिन्दी सम्मेलन एवं राष्ट्रभाषा अभियान समिति का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन, सन् १९४८ में
आचार्य विनोबा भावे एवं महादेवी वर्मा के मुख्य आतिथ्य में हिन्दी की वैज्ञानिक और तकनीकी पुस्तकों की राष्ट्रीय प्रदर्शिनी का आयोजन, सन् १९५८ में।
दक्षिण भारतीय प्रचारकों का सम्मान, सन् १९६६ (प्रथम बार)
वीणा का स्वर्ण जयंती समारोह, सन् १९७८ में। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर, श्री अशोक वाजपेयी, न्यायमूर्ति गोवर्धनलाल ओझा तथा प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री वीरेन्द्रकुमार सकलेचा की उपस्थिति में।
दक्षिण भारतीय प्रचारकों का सम्मान, सन् १९८८ (द्वितीय बार)
भैयाजी शम्भूनाथजी चतुर्वेदी स्मृति व्याख्यानमाला - सन् १९९१ से निरन्तर
सामयिक विषयों पर हिन्दी में जागरूकता विकसित करने के लिए समिति ने "समसामयिक अध्ययन केंद्र "की स्थापना की।
इस केंद्र ने वर्ष २००२ में मध्यप्रदेश की स्वयंसेवी संस्थाओं का एक विशाल सम्मेलन आयोजित किया।
इसके अलावा निम्न लिखित महत्वपूर्ण कार्यक्रम किये।
केन्द्रीय बजट पर संगोष्ठी
कॉपीराइट एक्ट पर कार्यक्रम
बाल नाट्य शिविर का आयोजन
आम आदमी और राष्ट्रध्वज
जैव विविधता, मध्यप्रदेश में कृषि तथा म ध्यप्रदेश में फार्मा उद्योग पर
प्रादेशिक सेमीनार आयोजित कर इसके निष्कर्षों से राज्य सरकार को अवगत करा कर नीतियो निर्धकारण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
समिति ने वर्ष २००२ में हिन्दी साहित्य सम्मेलन का ५४ वाँ अधिवेशन आयोजित किया। इस अधिवेशन में विख्यात साहित्यकार श्री निर्मल वर्मा, श्री हिमांशु जोशी, श्री बालकवि बैरागी और मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री दिग्विजयसिंह के उद्बोधन यहाँ देखे और सुने जा सकते हैं।
वीणा अमृतोत्सव वर्ष समारोह, हैदराबाद, वर्ष २००३
समिति के संस्कृत शोध केन्द्र का शुभारंभ भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटील द्वारा दि. २८ जून २००८ को,महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा समिति में दिया गया भाषण यहाँ देखा और सुना जा सकता है।
राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन – नेशनल बुक ट्रस्ट, इण्डिया एवम समिति द्वारा संयुक्त रूप से इन्दौर में तीन वर्ष तक लगातार राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन, सन 2009,2010एवं फिर 2011 में.इन पुस्तक मेलों में देश के लगभग सभी विख्यात प्रकाशकों ने भाग लिया।
समिति की स्थापना के शताब्दी समारोह के तहत वर्ष २०११ एवं वर्ष २०१२ में मध्यप्रदेश के साहित्यकारों एवं रचनाकारों पर केंद्रित विशिष्ट कैलेण्डर का प्रकाशन एवं देश के कई शहरों में निःशुल्क वितरण.
जुलाई २०११ में समिति के शताब्दी समारोह में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में हिन्दी विश्व विद्यालय स्थापित करने की घोषणा की।
प्रमुख पदाधिकारी:
नारायण प्रसाद शुक्ला (सभापति)
चंद्रसेन विराट (उप सभापति)
बाल कवि बैरागी (उप सभापति)
सत्यनारायण सत्तन (उप सभापति)
कैलाश चंद्र पंत (उप सभापति)
डॉ. राजेन्द्र मिश्र
अरविंद ओझा
प्रकाशनः
समिति द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका "वीणा" देश की एकमात्र पत्रिका है जो सन १९२७ से निरन्तर प्रकाशित हो रही है।
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल, हजारीलाल द्विवेदी, 'निराला','दिनकर' सुमित्रानन्दन पन्त, महादेवी वर्मा, प्रेमचन्द, जयशन्कर प्रसाद, व्रन्दावन लाल वर्मा, अमृतलाल नागर तथा माखनलाल चतुर्वेदी सहित देश के लगभग सभी शीर्षस्थ लेखक, कवि, निबन्धकार, कहानीकार और आलोचक नियमित रूप से "वीणा" में लिखते रहे हैं।
यही कारण है कि विख्यात कवियत्री महादेवी वर्मा अक्सर ये कहा करती थी कि "हिन्दी भाषा और साहित्य का इतिहास समिति और वीणा के जिक्र के बिना सदैव अपूर्ण रहेगा।"
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
विवरण उपलब्ध नहीं
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
समिति की स्थापना एक पुस्तकालय के रूप में हुई थी। अभी भी समिति का पुस्तकालय मध्यप्रदेश के सबसे सम्रद्ध पुस्तकालयो में से एक है। इसमे लग्भग २५ हजार किताबे सन्ग्रहित है।
इस पुस्तकालय का कम्पुटरीकरण कर इसे ई लायब्रेरी के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हिन्दी भाषा और साहित्य में उच्च स्तरीय शोध कार्यो को बढावा देने के उद्देश्य से समिति द्वारा डॉ॰ पी.डी.शर्मा शोध केन्द्र की स्थापना की गई है।
देवी अहिल्या वि.वि. से मान्यता प्राप्त इस केन्द्र से दर्जनों शोधार्थी अपना शोध पूरा कर पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त कर चुके है।
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
• http://samitisamachar.blogspot.in/
• http://www.veenapatrika.com/
सूचना-स्रोत:
निजी संपर्क, ईमेल, इंटरनेट
वेबसाइट/ ब्लॉग:
http://www.hindisahityasamiti.com/webforms/home.aspx
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