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पृष्ठभूमि:
नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान भाषा, साहित्य, संस्कृति तथा दर्शन के संरक्षण, सम्वर्धन और विकास हेतु नेपाल सरकार द्वारा स्थापित संस्था है। इसीलिए इसका पहला नाम नेपाल राजकीय प्रज्ञा प्रतिष्ठान (अंग्रेज़ी: Royal Nepal Academy) था, जिसे कालांतर में परिवर्तित किया गया।नेपाल में राष्ट्रीय सांस्कृतिक अकादमी के लिए एक आंदोलन 20 वीं सदी के दौरान शुरू हुआ, राष्ट्रीय आंकड़ों के साथ नेपाली कवि लक्ष्मी प्रसाद देवकोटा ने इसकी स्थापना की पहल की। उनकी पहल पर यह प्रतिष्ठान 1957 में अस्तित्व में आया और इसका नाम नेपाल साहित्य कला प्रतिष्ठान (अकादमी)पड़ा। यह बाद में रॉयल नेपाल अकादमी अधिनियम 1974 के पारित होने के बाद नेपाल राजकीय प्रज्ञा प्रतिष्ठान (रॉयल नेपाल अकादमी) के रूप में नामित किया गया। 2008 में एक लोकतांत्रिक संघीय गणराज्य में नेपाल के संक्रमण के बाद नेपाल की संसद द्वारा अधिनियमित नेपाल अकादमी अधिनियम 2007 के प्रावधान के अनुसार इसका नाम नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान (नेपाल अकादमी) कर दिया गया।
उद्देश्य:
1. संस्कृति, दर्शन, सामाजिक विज्ञान, भाषा और नेपाली साहित्य के मूल कार्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना।
2. अनेक विदेशी उत्कृष्ट कामों को नेपाली और अन्य देशी भाषाओं में अनुवादित करना।
3. भाषा से जूड़े वार्ता, व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशालाओं, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों आदि का आयोजन करना।
4. प्रतिष्ठित देशी और अन्य विद्वानों को भाषा, संस्कृति आदि क्षेत्रों में अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित करना।
उल्लेखनीय गतिविधियाँ/ उपलब्धियाँ/ प्रतिभागिता:
वार्षिक गतिविधियाঁ: राष्ट्रीय काव्य प्रतियोगिता, राष्ट्रीय लोक संगीत और नृत्य महोत्सव, भानु जयंती, स्टेज प्रदर्शन, राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव।
प्रमुख पदाधिकारी:
काँइला श्री बैरागी कुलपति Kainlan Mr. Bairagi Vice-Chancellor
प्रकाशनः
विवरण उपलब्ध नहीं
मान्यता/ पुरस्कार/ सम्मान:
विवरण उपलब्ध नहीं
उल्लेखनीय सूचनाएँ:
भाषा, साहित्य, संस्कृति, सामाजिक विज्ञान और दर्शन नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान के पाँच महत्वपूर्ण विभाग हैं।
वेब आधारित कड़ियाँ (Links):
http://hi.wikipedia.org/
सूचना-स्रोत:
http://www.nepalacademy.org.np/
वेबसाइट/ ब्लॉग:
http://www.nepalacademy.org.np
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